Pages

Tuesday 6 September 2016

क़ब्र में आनेवाला दोस्त

*क़ब्र को जहन्नम का गढ़ा बनाने वाले आमाल* #10
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_ग़ुस्ले जनाबत में ताखीर_*
     हज़रते अबान बिन अब्दुल्लाह बजली अलैरहमा फरमाते है : हमारा एक पड़ोसी मर गया तो हम कफ़न दफ़्न में शरीक़ हुए। जब क़ब्र खोदी गई तो उसमे बिल्ले की मिस्ल एक जानवर था, हमने उसको मारा मगर वो न हटा। चुनांचे हमने दूसरी क़ब्र खोदी तो उसमे भी वही बिल्ला मैजूद था ! फिर तीसरी क़ब्र खोदी गई तो उसमे भी यही मुआमला हुवा, आखिर लोगो ने मशवरा दिया के अब इसको इसी क़ब्र में दफ़्न कर दो, जब उसको दफ़्न कर दिया तो क़ब्र में से खौफनाक आवाज़ सुनी गई ! तो हमने उस की बेवा के पास जा के पूछा की उसका अमल क्या था ? बेवा ने बताया : वो ग़ुस्ले जनाबत (यानी फ़र्ज़ गुस्ल) नही करता था।
*✍🏽सरह सदर बशरह हाल-ल मौती वल-क़ब्र, 179*

*_ग़ुस्ले जनाबत में ताखीर कब हराम है_*
     ग़ुस्ले जनाबत में देर कर देना गुनाह नही अलबत्ता इतनी ताखीर हराम है के नमाज़ का वक़्त निकल जाए।
     बहारे शरीअत में है : जिस पर गुस्ल वाजिब है वो अगर इतनी देर कर चूका के नमाज़ का आखिर वक़्त आ गया तो अब फौरन नहाना फ़र्ज़ है, अब ताखीर करेगा तो गुनाहगार होगा।
*✍🏽बहारे शरीअत, 2/521*

*_जनाबत की हालत में सोने के अहकाम_*
     हज़रते अबू सलमह कहते है : हज़रते आइशा से पूछा गया, क्या हुज़ूर जनाबत की हालत में सोते थे ? उन्होंने बताया : हा और वुज़ू फरमा लेते थे।
*✍🏽सहीह बुखारी, 1/117*
     हज़रते फ़ारुके आज़म ने हुज़ूर से तज़किरा किया : रात में कभी जनाबत हो जाती है तो क्या किया जाए ? आप ने फ़रमाया : वुज़ू करके उज़्वे ख़ास को धो कर सो जाया करो।
*✍🏽सहीह बुखारी, 1/118*
     हज़रते अली से अबू दावूद व नसाई वगैरा में मरवी है के फ़रमाया : उस घर में फ़रिश्ते नही जाते जिसमे तस्वीर या कुत्ता या जुनूबी (बे गुस्ल) हो।
*✍🏽सुनन इब्ने दाऊद, 1/109*
इस हदिष से मुराद यही है के इतनी देर तक गुस्ल न करे के नमाज़ का वक़्त निकल जाए और वही जुनूबी रहने का और यही मतलब बुज़ुर्गो के इस इरशाद का है के हालते जनाबत में खाने पिने से रिज़्क़ में तंगी होती है।
*✍🏽नुज़हतुल कारी, 1/770,771*
*✍🏽क़ब्र में आनेवाला दोस्त, 54*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment