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Thursday 22 September 2016

क़ब्र में आनेवाला दोस्त

*क़ब्र को रौनक बख्शने और इसे आराम देह बनाने वाले आमाल* #08
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सदक़ा देने से क़ब्र की गर्मी दूर होती है_*
     हज़रते उक़बाرضي الله تعالي عنه से रिवायत है के हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : बेशक किसी शख्स का सदक़ा उस की क़ब्र से गर्मी को दूर कर देता है और क़यामत के दिन मोमिन अपने सदके के साए में होगा।
*अलमअजम अलकबीर, 17/286*

*_राहे खुदा में खर्च कीजिये_*
     राहे खुदा में खर्च करने में फायदे ही फायदे है, आख़िरत में अज़्रो सवाब की हकदारी तो है ही, बाज़ अवक़ात दुन्या में भी इज़ाफ़े के साथ हाथो हाथ उस का नेअमल बदल अता किया जाता है और ये यक़ीनी बात है के राहे खुदा में देने से बढ़ता है घटता नही जेसे के हज़रते अबू हुरैराرضي الله تعالي عنه फरमाते है, हुज़ूरﷺ ने इरशाद फ़रमाया : सदक़ा माल में कमी नही करता और अल्लाह मुआफ़ करने की वजह से बन्दे की इज़्ज़त ही बढ़ाता है और जो अल्लाह की रिज़ा की खातिर इन्किसारि करता है तो अल्लाह उसे बुलंदी अता फ़रमाता है।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, 1397*
*✍🏽क़ब्र में आनेवाला दोस्त, 84*
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